International SEO क्या हैं International SEO कैसे करे ?

International SEO कैसे करे जानने से पहले हमे ये जानना होगा की International SEO क्या है ??
अगर आप भी चाहते ह की आपकी वेबसाइट किसी दूसरी Country या Language के Search engines पर Rank करे तो International SEO क्या है जानना आवश्यक है।
तो चाहिए जाने है International SEO क्या है और कैसे करे।

अगर आसान भाषा में कहु की अगर आप चाहते ह की आपकी वेबसाइट को ट्रैफिक किसी एक चुनिंदा जगह( country ) से ही आये तो इसके लिए International SEO की जरुरत पड़ेगी।

इस Article की मदत से आप यह सिख सकेंगे की International SEO Technique in hindi कैसे करे। ताकि अपने वेबसाइट का International SEO आप सही से कर सके।सही तरीके से International SEO करने पर Search engine में Ranking आसानी से मिल सकती है।अगर एक ही वेबसाइट के जरिये आप चाहते ह की अपना लिखा हुआ कंटेंट अन्य सभी कौंरटय के लोगो को भी मिले तो इसके लिए International SEO बहुत जरुरी है।

International SEO क्या है – What Is International SEO In Hindi

International SEO क्या है

International SEO को समझने के लिए हमे इसे ३ Parts में Devideकरना होगा। तब हम इसे आसानी से समझ सकेंगे।

  • Country Target Select तथा setup करना
  • Checkup और Verify
  • Languge target Setup करना

क्योकई International SEO बड़ा टॉपिक है इसको हम एक एक कर समझे तो जयदा आसानी होगी।

Country Target

URL structure Setup करके। हम किसी भी Specific country को Target कर सकते है। इसके ३ तरीके हो सकते है।

Country Specific TLD

उदहारण के लिखे :- हम इंडिया के लिए .In इटली के लिए .It के United States के लिए .Us कुछ इस तरह TLD मिलते है

अगर अप्पकी Website है www.xyz.com तो इंडिया के लिए www.xyz.in होगी। USA के लिए www.xyz.US इटली के लिए www.xyz.It

Country Specific TLD सबसे अच्छी Choice मानी जाएगी अगर आप Same language वाली Country को चुनते है तो। .in/.it/.us Search Engines को सूचित करते है की आप कोनसी Country को टारगेट कर रहे है। इसी लिए यह काफी Expensive साबित हो सकते है क्योकि अगर आप अपना Content किसी Specific country में दिखाना चाहते ह तथा TLD भी उसी Country का इस्तेमाल करते हैं तो आपको अपनी वेबसाइट को Host भी उन्ही Country के Server पर करना होगा जोकि कभी Expensive हो सकते है।

Sub Domain

उदहारण के लिए इंडिया के लिए in.xyz.com इटली के लिए it.xyz.com औरअमेरिका के लिए us.xyz.com यह सभी Sub Domains है जो की main Domain पर निर्भर है. लेकिन फिर भी Sub Domains को Search Engines अलग डोमेन की तरह Treat करता है।

Sub Domain को Setup तथा manage करना बहुत ही आसान होता है आपको अलग Domain खरीदने की कोई आवश्कता नहीं होती
लेकिन इसके कुछ नुक्सान भी होते है। चलिए जानते है क्या है वो नुक्सान क्या है ।

Sub Domain के नुक्सान।

  • इसको याद रखना मुश्किल होता है।
  • main domain की ही तरह आपको इसे अलग से Manage साथ Setup करना होता है था इसका नए सिरे से SEO भी करना होता है
    Existing website का SEO इस पर काम नहीं करता इसके लिए आपको अलग से ही SEO करना होगा।
  • आपके Main Domain को जितनी भी SEO की प्रॉफिट होते है आपके Sub Domain को नहीं मिलती है। क्योकि Sub Domain को Search Engine एक नए Domain की तरह समझता है जिस वजह से इसके लिए हमे Website creation से Website SEO तक सारा काम हमे शुरू से करना होता है Sub Domain पर।

Sub directories

इसमें किसी भीLanguge के लिए एक ही Domain का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन सबके अलग अलग Folders होते है। उदहारण के लिए
इंडिया के लिए xyz.con/IN इटली के लिए xyz.com/IT अमेरिका के लिए xyz.com/US

अगर आप किसी Specific Country के लिए Target कर रहे है तो इस Optimization को सबसे आसान तरीका कहूंगा क्योकि इसमें Sub Domain की तरह इसको अलग से Setup या Manage नहीं करना होता। और सिर्फ इतना ही नहीं इसमें आपके Main Domain की Page Rank और SEO का बेनिफिट भी Sub Directories को मिलता है।अगर साफ़ और आसान भाषा में कहु तो सिर्फ आपको एक ही Website को मैनेज करना है। और उस Website का सारा SEO benefit आपके Sub Directories को मिलेगा।

Language Target Selection

Language target भी Domain की तरह ही एक Important Part है। ऐसा कहा जाता है की country और Language एक साथ Change होती है।

लेकि कुछ Country ऐसी है जहा Situation थोड़ी डिफरेंट है
जैसे की अपना देश भारत देश एक है लेकिन भाषा अनेक
उसी तरह Mexico और Spain दोनों देश अलग अलग है लेकिन दोनों देशो में Spanish ही बोली जाती है।

Language Targeting के लिए hreflang tag का इस्तेमाल किया जाता है। निचे दिए गयीImage में Tags को देखे ।

hreflang tag का इस्तेमालHead के अंदर किया जाता है। हर Page का एक अलग URL होता है और उस पेज का UR भी देना होता है जहा जहा इस TAG का इस्तेमाल किया जाता है।\

चलिए उदहारण के लिए मान लेते है हमारी वेबसाइट xyz.com के तीन country pages है।

  • xyz.com/IN/Page
  • xyz.com/IT/Page
  • xyz.com/US/Page

चलिए देखते है इनके hreflang tag कैसे लगेंगे Image देखे

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